भेड़ें कहतीं ले लो बाल मियाँ
पर नोचो न मेरी खाल मियाँॅ। 1
मेरा भी तो हल ढूढ़िये जनाब
मैं भी हूं जलता सवाल मियाँॅ। 2
तू इतना बड़ा जादूगर है
कोई नया खेल निकाल मियाँॅ। 3
जिससे औरों के दिल को चोट लगे
शौक ऐसे न तू पाल मियाँॅ। 4
हैं वे बहुत ही भले आदमी
रखते हैं सबका ख़्याल मियाँॅ। 5
अच्छे लोगों की कमी नहीं है
उन्हें जोड़ने का ज़रिया निकाल मियाँॅ। 6
शब्द जब संगीत बन जाते हैं
लगता है होे गये मालामाल मियाँॅ। 7
आंखों पेे नहीं स्वार्थ का चश्मा
इसीलिए दिखता त्रिकाल मियाँॅ। 8
मैं यहाँ एकदम अकेला
केवल तुम्हीं पूछते हाल मियाँॅ। 9
लेना है तो एक बारगी ले लो
करो न हमको हलाल मियाँॅ। 10
क्या ही वाजिब बात कहते हो
बाकी बजाते गाल मियाँॅ। 11
हमें भी पहचानना आता है
तेरी नहीं गलेगी दाल मियाँॅ। 12
हमें अपनी मेहनत पर भरोसा
नहीं हो सकते कंगाल मियाँॅ। 13
सब क़ाबिल नहीं, सबके सामने
अपनी टोपी न उछाल मियाँॅ। 14
बच्चों को मस्ती में रहने दो
देखो बच्चों का धमाल मियाँॅ। 15
वह इतना मीठा बोलता है
फीके सारे सुर ताल मियाँॅ। 16
रास्ता बहुत ऊबड़-खाबड़
तू अपने को संभाल मियाँॅ। 17
हौसले अभी भी बाकी हैं
शरीर हो रहा निढाल मियाँॅ। 18
खुली हवा आने तो दो
हर ओर उठाओ न दीवाल मियाँॅ। 19
बदल न अपनी रफ़्तार तू
देखकर जमाने की चाल मियाँॅ। 20
तू ही ख़्ाुद फंंस जायेगा
न बुन किसी के लिए जाल मियाँॅ। 21
जिस डाल पर तू बैठा है
काट न वही डाल मियाँॅ। 22
हाय! नया कुछ भी न हो पाया
जा रहा यह भी साल मियाँॅ। 23
वह आदमी भी अच्छा है इसीलिए
उसकी शायरी है कमाल मियाँ। 24
तेरे सतकर्म चेहरे पर लिखे हैं
इसीलिए चमकता है कपाल मियाँ। 25
जितना सम्भव हो कर लो
आसपास की देख भाल मियाँ। 26
पत्थर हूँ तो पूजते हैं सब
फूल हूँ, तो रखा पूजा के थाल मियाँ। 27
मिट्टी की मूरत को पूज कर फिर
क्यों पानी में देते डाल मियाँ ? 28
करोड़ों छोटी-मोटी तपस्याओं
का फल
धरती होगी जल्द ही ख़्ाुशहाल मियाँ। 29
2 comments:
हठयोगी, पण्डे और ग्रन्थी,
हिन्दू-मुस्लिम, कट्टरपन्थी,
अब नहीं बुनेंगे धर्म-जाल।
आने वाला है नया साल।।
bahut achchha hai roopchandraji
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